भारत का बेहद पसंदीदा फल कटहल विश्व में सबसे बड़ा होता है।
इसकी सब्जी, पकौडे़, अचार आदि बनाते हैं।
जब यह पक जाता है तब इसके अंदर के मीठे फल को खाते हैं जो बेहद स्वादिष्ट होता है।
कटहल के अंदर कई पौष्टिक तत्व पाये जाते हैं जैसे विटामिन ए, सी, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक आदि।
इसके रेशेदार फल में खूब सारा फाइबर पाया होता है। लेकिन इसमें कैलोरी बिलकुल नहीं होती।
पके हुए कटहल के गूदे को अच्छी तरह से मैश करके उबालने और फ़िर इस मिश्रण को ठंडा कर एक गिलास पीने से जबरदस्त स्फ़ूर्ति आती है।
यह ह्रदय रोगियों के लिये भी अच्छा माना जाता है।
स्वास्थ्य लाभ -
- कटहल में पोटैशियम पाया जाता है जो कि हार्ट समस्या को दूर करता है क्योंकि यह ब्लड प्रेशर लो करता है।
- इसके फल में काफी आयरन होता है जो एनीमिया को दूर करता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है।
- इसकी जड़ अस्थमा के रोगियों के लिये अच्छी मानी जाती है। जड़ को पानी के साथ उबाल कर बचा हुआ पानी छान कर पियें तो अस्थमा कंट्रोल होगा।
- इसमें मौजूद सूक्ष्म खनिज और कॉपर थायराइड चयापचय के लिये प्रभावशाली होता है। खासतौर पर यह हार्मोन के उत्पादन और अवशोषण के लिये अच्छा है।
- हड्डियों के लिये भी यह बहुत अच्छा होता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम हड्डी में मजबूती लाता है तथा भविष्य में ऑस्टियोपुरोसिस की समस्या से निजात दिलाता है।
- इसमें विटामिन सी और ए पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और बैक्टीरियल, वाइरल इंफेक्शन से बचाता है।
- इसमें मौजूद शर्करा जैसे, फ्रक्टोज़ और सूकरोज़ तुरंत ऊर्जा देते हैं। इस शर्करा में बिल्कुल भी जमी हुई चर्बी और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता।
- कटहल अल्सर और पाचन सम्बंधी समस्या को दूर करता है। इसमें फाइबर होता है, जो कब्ज की समस्या को दूर करता है।
- इसमें विटामिन ए पाया जाता है जिससे आँखों की रोशनी बढ़ती है और स्किन अच्छी होती है। यह रतौंधी को भी ठीक करता है।
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सावधानी -
पके कटहल का फल कफवर्धक है, अत: सर्दी-जुकाम, खांसी, अर्जीण आदि रोगों से प्रभावित व्यक्तियों एवं गर्भवती महिलाओं को कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
कटहल खाने के बाद पान खाने से पेट फूल जाता है और अफरा होने का डर रहता है अत: भूलकर भी कटहल के बाद पान न खाएं। दुबले-पतले पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को पका कटहल दोपहर में खाकर कुछ देर आराम करना चाहिए।
इसकी सब्जी, पकौडे़, अचार आदि बनाते हैं।
जब यह पक जाता है तब इसके अंदर के मीठे फल को खाते हैं जो बेहद स्वादिष्ट होता है।
कटहल के अंदर कई पौष्टिक तत्व पाये जाते हैं जैसे विटामिन ए, सी, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक आदि।
इसके रेशेदार फल में खूब सारा फाइबर पाया होता है। लेकिन इसमें कैलोरी बिलकुल नहीं होती।
पके हुए कटहल के गूदे को अच्छी तरह से मैश करके उबालने और फ़िर इस मिश्रण को ठंडा कर एक गिलास पीने से जबरदस्त स्फ़ूर्ति आती है।
यह ह्रदय रोगियों के लिये भी अच्छा माना जाता है।
स्वास्थ्य लाभ -
- कटहल में पोटैशियम पाया जाता है जो कि हार्ट समस्या को दूर करता है क्योंकि यह ब्लड प्रेशर लो करता है।
- इसके फल में काफी आयरन होता है जो एनीमिया को दूर करता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है।
- इसकी जड़ अस्थमा के रोगियों के लिये अच्छी मानी जाती है। जड़ को पानी के साथ उबाल कर बचा हुआ पानी छान कर पियें तो अस्थमा कंट्रोल होगा।
- इसमें मौजूद सूक्ष्म खनिज और कॉपर थायराइड चयापचय के लिये प्रभावशाली होता है। खासतौर पर यह हार्मोन के उत्पादन और अवशोषण के लिये अच्छा है।
- हड्डियों के लिये भी यह बहुत अच्छा होता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम हड्डी में मजबूती लाता है तथा भविष्य में ऑस्टियोपुरोसिस की समस्या से निजात दिलाता है।
- इसमें विटामिन सी और ए पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और बैक्टीरियल, वाइरल इंफेक्शन से बचाता है।
- इसमें मौजूद शर्करा जैसे, फ्रक्टोज़ और सूकरोज़ तुरंत ऊर्जा देते हैं। इस शर्करा में बिल्कुल भी जमी हुई चर्बी और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता।
- कटहल अल्सर और पाचन सम्बंधी समस्या को दूर करता है। इसमें फाइबर होता है, जो कब्ज की समस्या को दूर करता है।
- इसमें विटामिन ए पाया जाता है जिससे आँखों की रोशनी बढ़ती है और स्किन अच्छी होती है। यह रतौंधी को भी ठीक करता है।
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सावधानी -
पके कटहल का फल कफवर्धक है, अत: सर्दी-जुकाम, खांसी, अर्जीण आदि रोगों से प्रभावित व्यक्तियों एवं गर्भवती महिलाओं को कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
कटहल खाने के बाद पान खाने से पेट फूल जाता है और अफरा होने का डर रहता है अत: भूलकर भी कटहल के बाद पान न खाएं। दुबले-पतले पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को पका कटहल दोपहर में खाकर कुछ देर आराम करना चाहिए।