ये ब्लाग..ब्लागरों को पेश आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है । लेकिन न तो मैं टेक्नीकल ब्लागर हूँ । और न ही कोई मुझे कंप्यूटर इंटरनेट की अधिक जानकारी है । फ़िर इस ब्लाग में ब्लागर्स की समस्याओं का समाधान कौन करेगा ? इसका जबाब है । आप लोग..। हम लोग..।
दरअसल इस ब्लाग में आपकी समस्या प्रकाशित की जायेगी । जो आप कमेंट के रूप में । ई मेल से । या इस ब्लाग से सहयोगी के रूप में जुङकर स्वयँ खुद भी पोस्ट कर सकते हो । तब इस ब्लाग जगत में मौजूद दिग्गज लोग आपकी समस्या का समाधान करेंगे । यही बात टेक्नीनल जानकारों पर लागू होती है । वे इच्छानुसार इस ब्लाग से जुङकर । अनभिग्य ब्लागरों का उचित मार्गदर्शन करते हुये परमार्थ का कार्य कर सकते हैं । या कमेंट द्वारा भी " परेशान ब्लागर बन्धु " की मदद कर सकते हैं ।
गूगल आदि इंटरनेट की दिग्गज कंपनियों का मानना है कि हिंदी ब्लागिंग बहुत पिछङी हुयी अवस्था में है । और इसे विकसित होने में अभी काफ़ी समय लगेगा । हिंदी ब्लागों पर दृष्टि डालते समय यह बात काफ़ी हद तक सही भी लगती है । अभी भी ब्लागिंग करते हुये तमाम ब्लागर ब्लागिंग की बुनियादी बातें भी ठीक से नहीं जानते ।
लेकिन एक बात में तो हिंदी ब्लागर अंग्रेजी आदि विदेशी भाषा के ब्लागरों से आगे ही हैं । वो है..दनादन पोस्ट लिखना । बल्कि इसको दे दनादन पोस्ट लिखना कहा जाय । तो अधिक उचित है ।
दूसरी बात..अपने हिंदी ब्लागों में अक्सर । वर्ड वेरीफ़िकेशन । हटा हुआ होता है । जो कि अंग्रेजी ब्लागों में
90% देखने को मिलता है । और बहुत बङा सिरदर्द होता है ।
हिंदी ब्लागर ब्लाग की साजसज्जा का भी बेहद ध्यान रखते हैं । जो कि अंग्रेजी ब्लागों में तुलनात्मक कम है । बस एक बात का अंतर मैंने अवश्य देखा । हिंदी ब्लागर्स में महिला हो या पुरुष ब्लागर..कवितायें लिखने वाले बहुत ज्यादा हैं । जो कि अंग्रेजी ब्लागों में कम से कम मुझे तो देखने को नहीं मिले ।
और इसके साथ ही..श्री गणेशाय नमः वाली इस पोस्ट को यहीं समाप्त करते हुये आपसे आग्या चाहता हूँ ।
समस्यागृस्त ब्लागर और समस्या का निदान करने वाले दोनों से ही मेरा आग्रह है कि यदि आप इस ब्लाग से जुङना चाहें । तो कमेंट में अपना ई मेल आई डी लिखें । मैं आपको उस ई मेल पर ब्लाग द्वारा इंवीटेशन भेज दूँगा । उसको एक्सेप्ट करते ही आप इस ब्लाग से लेखक के तौर पर जुङ जायेंगे । यह औपचारिकता लेखक के तौर पर जुङने के लिये आवश्यक ही होती है । आपके सुझाव शिकायत आमन्त्रित हैं । धन्यवाद ।
दरअसल इस ब्लाग में आपकी समस्या प्रकाशित की जायेगी । जो आप कमेंट के रूप में । ई मेल से । या इस ब्लाग से सहयोगी के रूप में जुङकर स्वयँ खुद भी पोस्ट कर सकते हो । तब इस ब्लाग जगत में मौजूद दिग्गज लोग आपकी समस्या का समाधान करेंगे । यही बात टेक्नीनल जानकारों पर लागू होती है । वे इच्छानुसार इस ब्लाग से जुङकर । अनभिग्य ब्लागरों का उचित मार्गदर्शन करते हुये परमार्थ का कार्य कर सकते हैं । या कमेंट द्वारा भी " परेशान ब्लागर बन्धु " की मदद कर सकते हैं ।
गूगल आदि इंटरनेट की दिग्गज कंपनियों का मानना है कि हिंदी ब्लागिंग बहुत पिछङी हुयी अवस्था में है । और इसे विकसित होने में अभी काफ़ी समय लगेगा । हिंदी ब्लागों पर दृष्टि डालते समय यह बात काफ़ी हद तक सही भी लगती है । अभी भी ब्लागिंग करते हुये तमाम ब्लागर ब्लागिंग की बुनियादी बातें भी ठीक से नहीं जानते ।
लेकिन एक बात में तो हिंदी ब्लागर अंग्रेजी आदि विदेशी भाषा के ब्लागरों से आगे ही हैं । वो है..दनादन पोस्ट लिखना । बल्कि इसको दे दनादन पोस्ट लिखना कहा जाय । तो अधिक उचित है ।
दूसरी बात..अपने हिंदी ब्लागों में अक्सर । वर्ड वेरीफ़िकेशन । हटा हुआ होता है । जो कि अंग्रेजी ब्लागों में
90% देखने को मिलता है । और बहुत बङा सिरदर्द होता है ।
हिंदी ब्लागर ब्लाग की साजसज्जा का भी बेहद ध्यान रखते हैं । जो कि अंग्रेजी ब्लागों में तुलनात्मक कम है । बस एक बात का अंतर मैंने अवश्य देखा । हिंदी ब्लागर्स में महिला हो या पुरुष ब्लागर..कवितायें लिखने वाले बहुत ज्यादा हैं । जो कि अंग्रेजी ब्लागों में कम से कम मुझे तो देखने को नहीं मिले ।
और इसके साथ ही..श्री गणेशाय नमः वाली इस पोस्ट को यहीं समाप्त करते हुये आपसे आग्या चाहता हूँ ।
समस्यागृस्त ब्लागर और समस्या का निदान करने वाले दोनों से ही मेरा आग्रह है कि यदि आप इस ब्लाग से जुङना चाहें । तो कमेंट में अपना ई मेल आई डी लिखें । मैं आपको उस ई मेल पर ब्लाग द्वारा इंवीटेशन भेज दूँगा । उसको एक्सेप्ट करते ही आप इस ब्लाग से लेखक के तौर पर जुङ जायेंगे । यह औपचारिकता लेखक के तौर पर जुङने के लिये आवश्यक ही होती है । आपके सुझाव शिकायत आमन्त्रित हैं । धन्यवाद ।