Saturday 26 May 2018

खतरनाक वायरस ‘निपाह’

निपाह वायरस से बचने का आयुर्वेदिक तरीका -
------------
4 लौंग एवं थोङा-सा सेंधा नमक अच्छी तरह चबाकर गर्म पानी पियें।
3-4 तुलसी के पत्ते चबायें, ध्यान रहे, पत्ते दांतों से कम स्पर्श करें।
(क्योंकि तुलसीपत्र दांतों के लिये हानिकारक है।)
आवश्यकतानुसार ऐसा दिन में दो-तीन बार करें।
तो इस वायरस के आक्रमण से बच सकते हैं।
लौंग प्रबल Antivirus है,
सेंधा नमक के साथ मिलकर इसका प्रभाव अतिसूक्ष्म होकर वायरस को शरीर में प्रवेश ही नहीं करने देता।
-------------------------
खतरनाक वायरस ‘निपाह’ तेजी से पूरे देश में फैल रहा है।
अभी इसका कोई इलाज नहीं है।
मरीज 24 घंटे के अंदर ‘कोमा’ में चला जाता है। 
यह बीमारी संक्रमित सुअरों और चमगादड़ों द्वारा फैल रही हैं।
----------------
लक्षण - 1. बुखार 2. सिरदर्द 3. दिमागी संदेह (भ्रम) 4. उल्टियां 5. मांसपेशियों में दर्द
6. निमोनिया के लक्षण 7. हल्की बेहोशी 8. दिमागी सूजन।
-----------------
निम्न से बचाव रखें -
1 - सुअरों से दूर रहें।

2 - ऐसे फल न खाएं, जिन्हें पक्षियों ने काटा हो।
फलों को सावधानी से खरीदें, बाजार में खुले में बिकने वाले जूस का सेवन बिलकुल न करें।

3 - खजूर न खाएं।

4 - चमगादड़ों के आवास के आसपास भी न जाएं।

5 - कोई भी यात्रा अत्यावश्यक हो तो ही करें, यथासंभव न करें।

6 - यह virus अत्यधिक संक्रामक है, इसीलिए बाहर का न कुछ खाएं, न पिएं।

7 - यह सुअरों से भी फैलता है, इसीलिए मांसाहार और ऐसी जगहों से बचें, जहाँ मांस का क्रय- विक्रय होता है।

8 - अगर कोई व्यक्ति संक्रमित हो, उसे तुरन्त इंटेंसिव केअर दें, और उसके इस्तेमाल की किसी भी वस्तु को अलग रखें।

- ध्यान रखें कि जैव-श्रृंखला प्रवेश करने वाला यह नवीनतम वायरस है।
इसकी वैक्सीन और दवाइयां अभी प्रायोगिक स्तर पर ही हैं।
Intensive Care के अलावा, इसका फिलहाल कोई इलाज नही।
----------------
(सामग्री स्रोत - इंटरनेट)

आवश्यक सूचना

इस ब्लाग में जनहितार्थ बहुत सामग्री अन्य बेवपेज से भी प्रकाशित की गयी है, जो अक्सर फ़ेसबुक जैसी सोशल साइट पर साझा हुयी हो । अतः अक्सर मूल लेखक का नाम या लिंक कभी पता नहीं होता । ऐसे में किसी को कोई आपत्ति हो तो कृपया सूचित करें । उचित कार्यवाही कर दी जायेगी ।