चाय के बारे में सबसे पहली बात ये कि चाय हमारे देश भारत का उत्पादन नहीं है । अंग्रेज जब भारत आए थे । तो अपने साथ चाय का पौधा लेकर आए थे । और भारत के कुछ ऐसे स्थान जो अंग्रेजों के लिए अनुकूल ( जहाँ ठंड बहुत होती है ) वहाँ पहाड़ियों में चाय के पौधे लगवाए । और उसमें से चाय होने लगी ।
तो अंग्रेज़ अपने साथ चाय लेकर आए । भारत में कभी चाय हुई नहीं । 1750 से पहले भारत में कहीं भी चाय का नामोनिशान नहीं था । अंग्रेज आए east india company लेकर तो उन्होंने चाय के बागान लगाए । और उन्होंने ये अपने लिए लगाए ।
क्यों लगाए ?
चाय एक medicine है । लेकिन सिर्फ उन लोगों के लिए । जिनका blood pressure low रहता है । और जिनका blood pressure normal और high रहता है । चाय उनके लिए जहर है ।
low blood pressure वालों के लिए चाय अमृत है । और जिनका high और normal रहता है । चाय उनके लिए जहर है ।
अब अंग्रेज़ों की एक समस्या है । वो आज भी है । और हजारों साल से है । सभी अंग्रेज़ों का BP low रहता है । सिर्फ अंग्रेज़ो का नहीं । अमरीकियों का भी, कैनेडियन लोगों का भी, फ्रेंच लोगों भी और जर्मन्स का भी, स्वीडिश का भी । इन सबका BP LOW रहता है ।
कारण क्या है ?
कारण ये है कि बहुत ठंडे इलाके में रहते हैं । बहुत ही अधिक ठंडे इलाके में । उनकी ठंड का तो हम अंदाजा नहीं लगा सकते । अंग्रेज और उनके आसपास के लोग जिन इलाको में रहते हैं । वहाँ साल के 6 से 8 महीने तो सूरज ही नहीं निकलता । और आप उनके तापमान का अनुमान लगाएंगे । तो -40 तो उनकी lowest range है । मतलब 0 से भी 40 डिग्री नीचे 30 डिग्री 20 डिग्री । ये तापमान उनके वहाँ सामान्य रूप से रहता है । क्योंकि सूर्य निकलता ही नहीं । 6 महीने धुंध ही धुंध रहती है आसमान में । ये इन अंग्रेज़ों की सबसे बड़ी तकलीफ है ।
ज्यादा ठंडे इलाके में जो भी रहेगा । उनका BP low हो जाएगा । आप भी करके देख सकते हैं । बर्फ की दो सिल्लियों को खड़ा कर बीच में लेट जायें । 2 से 3 मिनट में ही BP लो होना शुरू हो जाएगा । और 5 से 8 मिनट तक तो इतना low हो जाएगा । जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी । फिर आपको शायद समझ आए । ये अंग्रेज़ कैसे इतनी ठंड में रहते हैं । घरों के ऊपर बर्फ, सड़क पर बर्फ, गाड़िया बर्फ में धंस जाती हैं । बजट का बड़ा हिस्सा सरकारें बर्फ हटाने में प्रयोग करती हैं । तो वो लोग बहुत बर्फ में रहते हैं । ठंड बहुत है blood pressure बहुत low रहता है ।
अब तुरंत blood को stimulant चाहिए । मतलब ठंड से BP बहुत low हो गया । एकदम BP बढ़ाना है । तो चाय उसमें सबसे अच्छी है । और दूसरे नम्बर पर कॉफी । तो चाय उन सब लोगों के लिए बहुत अच्छी है । जो बहुत ही अधिक ठंडे इलाके में रहते हैं । अगर भारत में कश्मीर की बात करें । तो उन लोगों के लिए चाय, काफी अच्छी । क्योंकि ठंड बहुत ही अधिक है ।
लेकिन बाकी भारत के इलाके जहाँ तापमान सामान्य रहता है । और मुश्किल से साल के 15 से 20 दिन की ठंड है । वो भी तब जब कोहरा बहुत पड़ता है । हाथ पैर कांपने लगते हैं । तापमान 0 से 1 डिग्री के आसपास होता है । तब आपके यहाँ कुछ दिन ऐसे आते हैं । जब आप चाय पी लो । या काफी पी लो ।
लेकिन पूरे साल चाय पीना और every time is tea time ये बहुत खतरनाक है । और कुछ लोग तो कहते हैं - बिना चाय पीए तो सुबह toilet भी नहीं जा सकते । ये तो बहुत ही अधिक खतरनाक है ।
इसलिए उठते ही अगर चाय पीने की आपकी आदत है । तो इसको बदलिये ।
नहीं तो क्या होने वाला है सुनिए । अगर normal BP आपका है । और आप ऐसे ही चाय पीने की आदत जारी रखते हैं । तो धीरे धीरे BP high होना शुरू होगा । और ये high BP फिर आपको गोलियों तक लेकर जाएगा । तो डाक्टर कहेगा - BP low करने के लिए गोलियां खाओ । और ज़िंदगी भर चाय भी पियो । जिंदगी भर गोलियां भी खाओ । डाक्टर ये नहीं कहेगा - चाय छोड़ दो । वो कहेगा - जिंदगी भर गोलियां खाओ । क्योंकि गोलियां बिकेंगी । तो उसको भी कमीशन मिलता रहेगा ।
तो आप अब निर्णय ले लो । जिंदगी भर BP की गोलियां खाकर जिंदा रहना है । तो चाय पीते रहो । और अगर नहीं खानी है । तो चाय पहले छोड़ दो ।
एक जानकारी और -
आप जानते हैं । गर्म देश में रहने वाले लोगों का पेट पहले से ही अम्लीय ( acidic ) होता । और ठंडे देश में रहने वाले लोगों का पेट पहले से ही क्षारीय ( alkaline ) होता है । और गर्म देश में रहने वाले लोगों का पेट normal acidity से ऊपर होता है । और ठंड वाले लोगों का normal acidity से भी बहुत अधिक कम । मतलब उनके blood की acidity हम मापें । और अपने देश के लोगों की मापें । तो दोनों में काफी अंतर रहता है ।
अगर आप ph स्केल को जानते हैं । तो हमारा blood की acidity 7.4, 7.3, 7.2 और कभी कभी 6.8 के आसपास तक चला जाता है । लेकिन यूरोप और अमेरिका के लोगों का +8 और +8 से भी आगे तक रहता है ।
तो चाय पहले से ही acidic ( अम्लीय ) है । और उनके क्षारीय ( alkaline ) blood को थोड़ा अम्लीय करने में चाय कुछ मदद करती है । लेकिन हम लोगों का blood पहले से ही acidic है । और पेट भी acidic है । ऊपर हम चाय पी रहे हैं । तो जीवन का सर्वनाश कर रहे हैं । तो चाय हमारे रक्त ( blood ) में acidity को और ज्यादा बढ़ायेगी । और जैसा आपने राजीव भाई की पहली post में पढ़ा होगा ( heart attack का आयुर्वेदिक इलाज में )
आयुर्वेद के अनुसार रक्त ( blood ) में जब अम्लता ( acidity ) बढ़ती है । तो 48 रोग शरीर में उत्पन्न होते हैं । उसमें से सबसे पहला रोग है - कोलस्ट्रोल का बढ़ना । कोलस्ट्रोल को आम आदमी की भाषा में बोलें । तो मतलब रक्त में कचरा बढ़ना । और जैसे ही रक्त में ये कोलस्ट्रोल बढ़ता है । तो हमारा रक्त दिल के वाहिका ( नालियो ) में से निकलता हुआ blockage करना शुरू कर देता है । और फिर blockage धीरे धीरे इतनी बढ़ जाती है कि पूरी वाहिका ( नली ) भर जाती है । और मनुष्य को heart attack होता है ।
तो सोचिए - ये चाय आपको धीरे धीरे कहाँ तक लेकर जा सकती है ?
इसलिए कृपया इसे छोड़ दें ।
अब आपने इतनी अम्लीय चाय पी पीकर जो आज तक पेट बहुत ज्यादा अम्लीय कर लिया है । इसकी अम्लता को फिर कम करिए ।
कम कैसे करेंगे ?
सीधी सी बात पेट अम्लीय ( acidic ) है । तो क्षारीय चीजें अधिक खाओ ।
क्योंकि अम्ल ( acidic ) और क्षार ( alkaline ) दोनों को मिला दो । तो nautral हो जाएगा ।
तो क्षारीय चीजों में आप जीरे का पानी पी सकते हैं । पानी में जीरा डालें । बहुत अधिक गर्म करें । थोड़ा ठंडा होने पर पियें । दालचीनी को ऐसे ही पानी में डालकर गर्म करें । ठंडा कर पियें ।
और एक बहुत अधिक क्षारीय चीज आती है । वो है अर्जुन की छाल का काढ़ा 40-45 रुपए किलो कहीं भी मिल जाता है । इसको आप गर्म दूध में डालकर पी सकते हैं । बहुत जल्दी heart की blockage और high bp कालस्ट्रोल आदि को ठीक करता है ।
एक और बात आप ध्यान दें । इंसान को छोड़कर कोई जानवर चाय नहीं पीता । कुत्ते को पिलाकर देखो । कभी नहीं पियेगा । सूंघकर इधर उधर हो जाएगा । दूध पिलाओ । एकदम पियेगा । कुत्ता, बिल्ली, गाय, चिड़िया जिस मर्जी जानवर को पिलाकर देखो । कभी नहीं पियेगा ।
और एक बात आपके शरीर के अनुकूल जो चीजें हैं । वो आपके 20 किमी के दायरे में ही होंगी । आपके गर्म इलाके से सैंकड़ों मील दूर ठंडी पहाड़ियों में होने वाली चाय या काफी आपके लिए अनुकूल नहीं है । वो उन्हीं लोगों के लिए है । आजकल ट्रांसपोटेशन इतना बढ़ गया है कि हमें हर चीज आसानी से मिल जाती है । वरना शरीर के अनुकूल चीजें प्रत्येक इलाके के आसपास ही पैदा हो पायेंगी ।
तो आप चाय छोड़ें । अपने अम्लीय पेट और रक्त को क्षारीय चीजों का अधिक से अधिक सेवन कर शरीर स्वस्थ रखें ।
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साभार - राजीव दीक्षित..चित्र का लिंक चित्र में ही है ।
तो अंग्रेज़ अपने साथ चाय लेकर आए । भारत में कभी चाय हुई नहीं । 1750 से पहले भारत में कहीं भी चाय का नामोनिशान नहीं था । अंग्रेज आए east india company लेकर तो उन्होंने चाय के बागान लगाए । और उन्होंने ये अपने लिए लगाए ।
क्यों लगाए ?
चाय एक medicine है । लेकिन सिर्फ उन लोगों के लिए । जिनका blood pressure low रहता है । और जिनका blood pressure normal और high रहता है । चाय उनके लिए जहर है ।
low blood pressure वालों के लिए चाय अमृत है । और जिनका high और normal रहता है । चाय उनके लिए जहर है ।
अब अंग्रेज़ों की एक समस्या है । वो आज भी है । और हजारों साल से है । सभी अंग्रेज़ों का BP low रहता है । सिर्फ अंग्रेज़ो का नहीं । अमरीकियों का भी, कैनेडियन लोगों का भी, फ्रेंच लोगों भी और जर्मन्स का भी, स्वीडिश का भी । इन सबका BP LOW रहता है ।
कारण क्या है ?
कारण ये है कि बहुत ठंडे इलाके में रहते हैं । बहुत ही अधिक ठंडे इलाके में । उनकी ठंड का तो हम अंदाजा नहीं लगा सकते । अंग्रेज और उनके आसपास के लोग जिन इलाको में रहते हैं । वहाँ साल के 6 से 8 महीने तो सूरज ही नहीं निकलता । और आप उनके तापमान का अनुमान लगाएंगे । तो -40 तो उनकी lowest range है । मतलब 0 से भी 40 डिग्री नीचे 30 डिग्री 20 डिग्री । ये तापमान उनके वहाँ सामान्य रूप से रहता है । क्योंकि सूर्य निकलता ही नहीं । 6 महीने धुंध ही धुंध रहती है आसमान में । ये इन अंग्रेज़ों की सबसे बड़ी तकलीफ है ।
ज्यादा ठंडे इलाके में जो भी रहेगा । उनका BP low हो जाएगा । आप भी करके देख सकते हैं । बर्फ की दो सिल्लियों को खड़ा कर बीच में लेट जायें । 2 से 3 मिनट में ही BP लो होना शुरू हो जाएगा । और 5 से 8 मिनट तक तो इतना low हो जाएगा । जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी । फिर आपको शायद समझ आए । ये अंग्रेज़ कैसे इतनी ठंड में रहते हैं । घरों के ऊपर बर्फ, सड़क पर बर्फ, गाड़िया बर्फ में धंस जाती हैं । बजट का बड़ा हिस्सा सरकारें बर्फ हटाने में प्रयोग करती हैं । तो वो लोग बहुत बर्फ में रहते हैं । ठंड बहुत है blood pressure बहुत low रहता है ।
अब तुरंत blood को stimulant चाहिए । मतलब ठंड से BP बहुत low हो गया । एकदम BP बढ़ाना है । तो चाय उसमें सबसे अच्छी है । और दूसरे नम्बर पर कॉफी । तो चाय उन सब लोगों के लिए बहुत अच्छी है । जो बहुत ही अधिक ठंडे इलाके में रहते हैं । अगर भारत में कश्मीर की बात करें । तो उन लोगों के लिए चाय, काफी अच्छी । क्योंकि ठंड बहुत ही अधिक है ।
लेकिन बाकी भारत के इलाके जहाँ तापमान सामान्य रहता है । और मुश्किल से साल के 15 से 20 दिन की ठंड है । वो भी तब जब कोहरा बहुत पड़ता है । हाथ पैर कांपने लगते हैं । तापमान 0 से 1 डिग्री के आसपास होता है । तब आपके यहाँ कुछ दिन ऐसे आते हैं । जब आप चाय पी लो । या काफी पी लो ।
लेकिन पूरे साल चाय पीना और every time is tea time ये बहुत खतरनाक है । और कुछ लोग तो कहते हैं - बिना चाय पीए तो सुबह toilet भी नहीं जा सकते । ये तो बहुत ही अधिक खतरनाक है ।
इसलिए उठते ही अगर चाय पीने की आपकी आदत है । तो इसको बदलिये ।
नहीं तो क्या होने वाला है सुनिए । अगर normal BP आपका है । और आप ऐसे ही चाय पीने की आदत जारी रखते हैं । तो धीरे धीरे BP high होना शुरू होगा । और ये high BP फिर आपको गोलियों तक लेकर जाएगा । तो डाक्टर कहेगा - BP low करने के लिए गोलियां खाओ । और ज़िंदगी भर चाय भी पियो । जिंदगी भर गोलियां भी खाओ । डाक्टर ये नहीं कहेगा - चाय छोड़ दो । वो कहेगा - जिंदगी भर गोलियां खाओ । क्योंकि गोलियां बिकेंगी । तो उसको भी कमीशन मिलता रहेगा ।
तो आप अब निर्णय ले लो । जिंदगी भर BP की गोलियां खाकर जिंदा रहना है । तो चाय पीते रहो । और अगर नहीं खानी है । तो चाय पहले छोड़ दो ।
एक जानकारी और -
आप जानते हैं । गर्म देश में रहने वाले लोगों का पेट पहले से ही अम्लीय ( acidic ) होता । और ठंडे देश में रहने वाले लोगों का पेट पहले से ही क्षारीय ( alkaline ) होता है । और गर्म देश में रहने वाले लोगों का पेट normal acidity से ऊपर होता है । और ठंड वाले लोगों का normal acidity से भी बहुत अधिक कम । मतलब उनके blood की acidity हम मापें । और अपने देश के लोगों की मापें । तो दोनों में काफी अंतर रहता है ।
अगर आप ph स्केल को जानते हैं । तो हमारा blood की acidity 7.4, 7.3, 7.2 और कभी कभी 6.8 के आसपास तक चला जाता है । लेकिन यूरोप और अमेरिका के लोगों का +8 और +8 से भी आगे तक रहता है ।
तो चाय पहले से ही acidic ( अम्लीय ) है । और उनके क्षारीय ( alkaline ) blood को थोड़ा अम्लीय करने में चाय कुछ मदद करती है । लेकिन हम लोगों का blood पहले से ही acidic है । और पेट भी acidic है । ऊपर हम चाय पी रहे हैं । तो जीवन का सर्वनाश कर रहे हैं । तो चाय हमारे रक्त ( blood ) में acidity को और ज्यादा बढ़ायेगी । और जैसा आपने राजीव भाई की पहली post में पढ़ा होगा ( heart attack का आयुर्वेदिक इलाज में )
आयुर्वेद के अनुसार रक्त ( blood ) में जब अम्लता ( acidity ) बढ़ती है । तो 48 रोग शरीर में उत्पन्न होते हैं । उसमें से सबसे पहला रोग है - कोलस्ट्रोल का बढ़ना । कोलस्ट्रोल को आम आदमी की भाषा में बोलें । तो मतलब रक्त में कचरा बढ़ना । और जैसे ही रक्त में ये कोलस्ट्रोल बढ़ता है । तो हमारा रक्त दिल के वाहिका ( नालियो ) में से निकलता हुआ blockage करना शुरू कर देता है । और फिर blockage धीरे धीरे इतनी बढ़ जाती है कि पूरी वाहिका ( नली ) भर जाती है । और मनुष्य को heart attack होता है ।
तो सोचिए - ये चाय आपको धीरे धीरे कहाँ तक लेकर जा सकती है ?
इसलिए कृपया इसे छोड़ दें ।
अब आपने इतनी अम्लीय चाय पी पीकर जो आज तक पेट बहुत ज्यादा अम्लीय कर लिया है । इसकी अम्लता को फिर कम करिए ।
कम कैसे करेंगे ?
सीधी सी बात पेट अम्लीय ( acidic ) है । तो क्षारीय चीजें अधिक खाओ ।
क्योंकि अम्ल ( acidic ) और क्षार ( alkaline ) दोनों को मिला दो । तो nautral हो जाएगा ।
तो क्षारीय चीजों में आप जीरे का पानी पी सकते हैं । पानी में जीरा डालें । बहुत अधिक गर्म करें । थोड़ा ठंडा होने पर पियें । दालचीनी को ऐसे ही पानी में डालकर गर्म करें । ठंडा कर पियें ।
और एक बहुत अधिक क्षारीय चीज आती है । वो है अर्जुन की छाल का काढ़ा 40-45 रुपए किलो कहीं भी मिल जाता है । इसको आप गर्म दूध में डालकर पी सकते हैं । बहुत जल्दी heart की blockage और high bp कालस्ट्रोल आदि को ठीक करता है ।
एक और बात आप ध्यान दें । इंसान को छोड़कर कोई जानवर चाय नहीं पीता । कुत्ते को पिलाकर देखो । कभी नहीं पियेगा । सूंघकर इधर उधर हो जाएगा । दूध पिलाओ । एकदम पियेगा । कुत्ता, बिल्ली, गाय, चिड़िया जिस मर्जी जानवर को पिलाकर देखो । कभी नहीं पियेगा ।
और एक बात आपके शरीर के अनुकूल जो चीजें हैं । वो आपके 20 किमी के दायरे में ही होंगी । आपके गर्म इलाके से सैंकड़ों मील दूर ठंडी पहाड़ियों में होने वाली चाय या काफी आपके लिए अनुकूल नहीं है । वो उन्हीं लोगों के लिए है । आजकल ट्रांसपोटेशन इतना बढ़ गया है कि हमें हर चीज आसानी से मिल जाती है । वरना शरीर के अनुकूल चीजें प्रत्येक इलाके के आसपास ही पैदा हो पायेंगी ।
तो आप चाय छोड़ें । अपने अम्लीय पेट और रक्त को क्षारीय चीजों का अधिक से अधिक सेवन कर शरीर स्वस्थ रखें ।
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साभार - राजीव दीक्षित..चित्र का लिंक चित्र में ही है ।