पके अनार के 10 ग्राम रस में भुना हुआ जीरा और गुड़ समान मात्रा में मिलाकर दिन में 2 या 2 बार लें । पाचन शक्ति की दुर्बलता दूर होगी ।
- काली राई 2-4 ग्राम लेने से कब्ज से होने वाली बदहजमी मिट जाती है ।
- अनानास के पके फल के बारीक टुकड़ों में सेंधा नमक और काली मिर्च मिलाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है ।
- भोजन करने के बाद बेचैनी महसूस हो । तो अनानास का रस पीएं ।
- पकाए हुए आंवले को घीयाकस करके स्वाद अनुसार काली मिर्च, सौंठ, सेंधा नमक, भुना जीरा और हींग मिलाकर बड़ी बनाकर छाया में सुखा लें । इसके सेवन से पाचन विकार दूर होता है । तथा भूख बढ़ती है ।
- अमरूद के कोमल पत्तों के 10 ग्राम रस में थोड़ी शक्कर मिलाकर प्रतिदिन केवल 1 बार प्रात:काल सेवन करने से बदहजमी दूर होकर पाचन शक्ति बढ़ती है ।
- खट्टे मीठे अनार का रस 1 ग्राम मुंह में लेकर धीरे धीरे पीएं । इस प्रकार 8-10 बार करने से मुख का स्वाद ठीक होकर आंत्र दोष दूर होता है । ज्वर के कारण हुई अरुचि दूर होती है । तथा पाचन शक्ति बढ़ जाती है ।
- हरड़ एवं गुड़ के 6 ग्राम चूर्ण को गर्म पानी से या हरड़ के चूर्ण में सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से पाचन शक्ति तेज होती है ।
- हरड़ का मुरब्बा खाने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है ।
- 1-2 ग्राम लौंग का जौकूट करके 100 ग्राम पानी में उबालें । 20-25 ग्राम शेष बचने पर छान लें । और ठंडा होने पर पीएं । इससे पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं । हैजे में भी यह लाभकारी है ।
- इलायची के बीजों के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दिन में 2-3 बार 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से गर्भवती स्त्री के पाचन विकार दूर हो जाते हैं । तथा खुलकर भूख लगती है ।
- 1 कप पानी में आधा नींबू निचोड़ कर 5-6 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह शाम भोजन के बाद पीने से पेट की वायु, उद्धवात, बदहजमी, विषमाग्नि जैसी शिकायतें दूर होकर पाचन शक्ति प्रबल होती है ।
- नींबू पर काला नमक लगाकर चाटने से बदहजमी और भोजन के प्रति अरुचि दूर होती है ।
- काली राई 2-4 ग्राम लेने से कब्ज से होने वाली बदहजमी मिट जाती है ।
- अनानास के पके फल के बारीक टुकड़ों में सेंधा नमक और काली मिर्च मिलाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है ।
- भोजन करने के बाद बेचैनी महसूस हो । तो अनानास का रस पीएं ।
- पकाए हुए आंवले को घीयाकस करके स्वाद अनुसार काली मिर्च, सौंठ, सेंधा नमक, भुना जीरा और हींग मिलाकर बड़ी बनाकर छाया में सुखा लें । इसके सेवन से पाचन विकार दूर होता है । तथा भूख बढ़ती है ।
- अमरूद के कोमल पत्तों के 10 ग्राम रस में थोड़ी शक्कर मिलाकर प्रतिदिन केवल 1 बार प्रात:काल सेवन करने से बदहजमी दूर होकर पाचन शक्ति बढ़ती है ।
- खट्टे मीठे अनार का रस 1 ग्राम मुंह में लेकर धीरे धीरे पीएं । इस प्रकार 8-10 बार करने से मुख का स्वाद ठीक होकर आंत्र दोष दूर होता है । ज्वर के कारण हुई अरुचि दूर होती है । तथा पाचन शक्ति बढ़ जाती है ।
- हरड़ एवं गुड़ के 6 ग्राम चूर्ण को गर्म पानी से या हरड़ के चूर्ण में सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से पाचन शक्ति तेज होती है ।
- हरड़ का मुरब्बा खाने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है ।
- 1-2 ग्राम लौंग का जौकूट करके 100 ग्राम पानी में उबालें । 20-25 ग्राम शेष बचने पर छान लें । और ठंडा होने पर पीएं । इससे पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं । हैजे में भी यह लाभकारी है ।
- इलायची के बीजों के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दिन में 2-3 बार 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से गर्भवती स्त्री के पाचन विकार दूर हो जाते हैं । तथा खुलकर भूख लगती है ।
- 1 कप पानी में आधा नींबू निचोड़ कर 5-6 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह शाम भोजन के बाद पीने से पेट की वायु, उद्धवात, बदहजमी, विषमाग्नि जैसी शिकायतें दूर होकर पाचन शक्ति प्रबल होती है ।
- नींबू पर काला नमक लगाकर चाटने से बदहजमी और भोजन के प्रति अरुचि दूर होती है ।