मुलेठी बहुत गुणकारी औषधि है । मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के लिए फायदेमंद है । इसका पौधा 1 से 6 फुट तक होता है । यह मीठा होता है । इसलिए इसे ज्येष्ठीमधु भी कहा जाता है । असली मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार एवं हल्की गंध वाली होती है । यह सूखने पर अम्ल जैसे स्वाद की हो जाती है । मुलेठी की जड़ को उखाड़ने के बाद 2 वर्ष तक उसमें औषधीय गुण विद्यमान रहता है । ग्लिसराइजिक एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से 50 गुना अधिक मीठा होता है ।
मुलेठी के गुण - यह ठंडी प्रकृति की होती है । और पित्त का शमन करती है ।
- मुलेठी को काली मिर्च के साथ खाने से कफ ढीला होता है । सूखी खांसी आने पर मुलेठी खाने से फायदा होता है । इससे खांसी तथा गले की सूजन ठीक होती है ।
- अगर मुंह सूख रहा हो । तो मुलेठी बहुत फायदा करती है । इसमें पानी की मात्रा 50% तक होती है । मुंह सूखने पर बारबार इसे चूसें । इससे प्यास शांत होगी ।
- गले में खराश के लिए भी मुलेठी का प्रयोग किया जाता है । मुलेठी अच्छे स्वर के लिए भी प्रयोग की जाती है ।
- मुलेठी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है । मुलेठी का 1 ग्राम चूर्ण नियमित सेवन करने से वे अपनी सुंदरता को लंबे समय तक बनाये रख सकती हैं ।
- लगभग 1 महीने तक, आधा चम्मच मूलेठी का चूर्ण सुबह शाम शहद के साथ चाटने से मासिक सम्बन्धी सभी रोग दूर होते हैं ।
- फोड़े होने पर मुलेठी का लेप लगाने से जल्दी ठीक हो जाते हैं ।
- रोज़ 6 ग्राम मुलेठी चूर्ण 30 मिली दूध के साथ पीने से शरीर में ताकत आती है ।
- लगभग 4 ग्राम मुलेठी का चूर्ण घी या शहद के साथ लेने से ह्रदय रोगों में लाभ होता है ।
- इसके आधा ग्राम रोजाना सेवन से खून में वृद्धि होती है ।
- जलने पर मुलेठी और चन्दन के लेप से शीतलता मिलती है ।
- इसके चूर्ण को मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है ।
- मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखने से कान का दर्द और सूजन ठीक होता है ।
- उल्टी होने पर मुलेठी का टुकडा मुंह में रखने पर लाभ होता है ।
- मुलेठी की जड़ पेट के घावों को समाप्त करती है । इससे पेट के घाव जल्दी भर जाते हैं । पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए ।
- मुलेठी पेट के अल्सर के लिए फायदेमंद है । इससे न केवल गैस्ट्रिक अल्सर वरन छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी पूरी तरह से फायदा करती है । जब मुलेठी का चूर्ण ड्यूओडनल अल्सर के अपच, हाइपर एसिडिटी आदि पर लाभदायक प्रभाव डालता है । साथ ही अल्सर के घावों को भी तेजी से भरता है ।
- खून की उल्टियां होने पर दूध के साथ मुलेठी का चूर्ण लेने से फायदा होता है । खूनी उल्टी होने पर मधु के साथ भी इसे लिया जा सकता है ।
- हिचकी होने पर मुलेठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर नाक में टपकाने तथा 5 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ खिला देने से लाभ होता है ।
- मुलेठी आंतों की टीबी के लिए भी फायदेमंद है ।
- ये 1 प्रकार की एंटीबायोटिक भी है । इसमें बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है । यह शरीर के अन्दरूनी चोटों में भी लाभदायक होती है ।
- मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है । सुबह 3 या 4 ग्राम खाना चाहिये ।
- यदि भूख न लगती हो । तो 1 छोटा टुकड़ा मुलेठी कुछ देर चूसें । दिन में 3-4 बार इस प्रक्रिया को दोहरा लें । भूख खुल जाएगी ।
- कोई भी समस्या न हो । तो भी कभी कभी मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए । आँतों के अल्सर, कैंसर का खतरा कम हो जाता है । तथा पाचन क्रिया भी एकदम ठीक रहती है ।
मुलेठी के गुण - यह ठंडी प्रकृति की होती है । और पित्त का शमन करती है ।
- मुलेठी को काली मिर्च के साथ खाने से कफ ढीला होता है । सूखी खांसी आने पर मुलेठी खाने से फायदा होता है । इससे खांसी तथा गले की सूजन ठीक होती है ।
- अगर मुंह सूख रहा हो । तो मुलेठी बहुत फायदा करती है । इसमें पानी की मात्रा 50% तक होती है । मुंह सूखने पर बारबार इसे चूसें । इससे प्यास शांत होगी ।
- गले में खराश के लिए भी मुलेठी का प्रयोग किया जाता है । मुलेठी अच्छे स्वर के लिए भी प्रयोग की जाती है ।
- मुलेठी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है । मुलेठी का 1 ग्राम चूर्ण नियमित सेवन करने से वे अपनी सुंदरता को लंबे समय तक बनाये रख सकती हैं ।
- लगभग 1 महीने तक, आधा चम्मच मूलेठी का चूर्ण सुबह शाम शहद के साथ चाटने से मासिक सम्बन्धी सभी रोग दूर होते हैं ।
- फोड़े होने पर मुलेठी का लेप लगाने से जल्दी ठीक हो जाते हैं ।
- रोज़ 6 ग्राम मुलेठी चूर्ण 30 मिली दूध के साथ पीने से शरीर में ताकत आती है ।
- लगभग 4 ग्राम मुलेठी का चूर्ण घी या शहद के साथ लेने से ह्रदय रोगों में लाभ होता है ।
- इसके आधा ग्राम रोजाना सेवन से खून में वृद्धि होती है ।
- जलने पर मुलेठी और चन्दन के लेप से शीतलता मिलती है ।
- इसके चूर्ण को मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है ।
- मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखने से कान का दर्द और सूजन ठीक होता है ।
- उल्टी होने पर मुलेठी का टुकडा मुंह में रखने पर लाभ होता है ।
- मुलेठी की जड़ पेट के घावों को समाप्त करती है । इससे पेट के घाव जल्दी भर जाते हैं । पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए ।
- मुलेठी पेट के अल्सर के लिए फायदेमंद है । इससे न केवल गैस्ट्रिक अल्सर वरन छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी पूरी तरह से फायदा करती है । जब मुलेठी का चूर्ण ड्यूओडनल अल्सर के अपच, हाइपर एसिडिटी आदि पर लाभदायक प्रभाव डालता है । साथ ही अल्सर के घावों को भी तेजी से भरता है ।
- खून की उल्टियां होने पर दूध के साथ मुलेठी का चूर्ण लेने से फायदा होता है । खूनी उल्टी होने पर मधु के साथ भी इसे लिया जा सकता है ।
- हिचकी होने पर मुलेठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर नाक में टपकाने तथा 5 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ खिला देने से लाभ होता है ।
- मुलेठी आंतों की टीबी के लिए भी फायदेमंद है ।
- ये 1 प्रकार की एंटीबायोटिक भी है । इसमें बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है । यह शरीर के अन्दरूनी चोटों में भी लाभदायक होती है ।
- मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है । सुबह 3 या 4 ग्राम खाना चाहिये ।
- यदि भूख न लगती हो । तो 1 छोटा टुकड़ा मुलेठी कुछ देर चूसें । दिन में 3-4 बार इस प्रक्रिया को दोहरा लें । भूख खुल जाएगी ।
- कोई भी समस्या न हो । तो भी कभी कभी मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए । आँतों के अल्सर, कैंसर का खतरा कम हो जाता है । तथा पाचन क्रिया भी एकदम ठीक रहती है ।