जय गुरुदेव, प्रिय भाई बहनों, आज मैं आपको ( मीठे नीम ) के बारे में जानकारी दूँगा । आशा करता हूँ कि आप इस जानकारी का पूरा लाभ लेंगे ।
अक्सर हम भोजन में से कढ़ी पत्ता निकाल कर अलग कर देते हैं । इससे हमें उसकी खुशबू तो मिलती है । पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता । कढ़ी पत्ते को धोकर छाया में सुखाकर उसका पाउडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी इसे आसानी से खा लेते हैं । इस पाउडर को हम छाछ और नीबू पानी में भी मिला सकते हैं । इसे हम मसालों में, भेल में भी डाल सकते हैं । इसकी छाल भी औषधि है । हमें अपने घरों में इसका पौधा लगाना चाहिए ।
- कढ़ी पत्ता पाचन के लिए अच्छा होता है । यह डायरिया, डिसेंट्री, पाइल्स, मन्दाग्नि में लाभकारी होता है । यह मृदु रेचक होता है ।
- यह बालों के लिए बहुत उत्तम टानिक है । कढ़ी पत्ता बालों को सफ़ेद होने से और झड़ने से रोकता है ।
- इसके पत्तों का पेस्ट बालों में लगाने से जुओं से छुटकारा मिलता है ।
- कढ़ी पत्ता पेंक्रियाज़ के बीटा सेल्स को एक्टिवेट कर मधुमेह को नियंत्रित करता है ।
- हरे पत्ते होने से आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम, विटामिन ए और बी, अमीनो एसिड, फोलिक एसिड आदि तो इसमें होता ही है ।
- इसमें एंटी आक्सीडेंट होते हैं । जो बुढापे को दूर रखते हैं । और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते ।
- जले और कटे स्थान पर इसके पत्ते पीस कर लगाने से लाभ होता है ।
- जहरीले कीड़े काटने पर इसके फलों के रस को नीबू के रस के साथ मिलाकर लगाने से लाभ होता है ।
- यह किडनी के लिए लाभकारी होता है ।
- यह आँखों की बीमारियों में लाभकारी होता है । इसमें मौजूद एंटी आक्सीडेंट केटरेक्ट को शुरू होने से रोकते हैं । यह नेत्र ज्योति को बढाता है ।
- यह कोलेस्ट्रोल कम करता है ।
- यह इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है ।
- वजन कम करने के लिए रोजाना कुछ मीठी नीम की पत्तियाँ चबायें ।
प्रतिदिन भोजन में कढ़ी पत्ते को दाल, सब्ज़ी में डालकर या चटनी बनाकर प्रयोग किया जा सकता है । जिस प्रकार दक्षिण भारत में किया जाता है ।
वैद्य बाबाजी ।
गुरुकृपा आयुर्वेद आश्रम । नजदीक काहलो डेयरी डीएवी स्कूल,
रूपनगर पंजाब - 0 94171 66756, 0 99153 35687
साभार - वैद्य धर्मपाल जी
अक्सर हम भोजन में से कढ़ी पत्ता निकाल कर अलग कर देते हैं । इससे हमें उसकी खुशबू तो मिलती है । पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता । कढ़ी पत्ते को धोकर छाया में सुखाकर उसका पाउडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी इसे आसानी से खा लेते हैं । इस पाउडर को हम छाछ और नीबू पानी में भी मिला सकते हैं । इसे हम मसालों में, भेल में भी डाल सकते हैं । इसकी छाल भी औषधि है । हमें अपने घरों में इसका पौधा लगाना चाहिए ।
- कढ़ी पत्ता पाचन के लिए अच्छा होता है । यह डायरिया, डिसेंट्री, पाइल्स, मन्दाग्नि में लाभकारी होता है । यह मृदु रेचक होता है ।
- यह बालों के लिए बहुत उत्तम टानिक है । कढ़ी पत्ता बालों को सफ़ेद होने से और झड़ने से रोकता है ।
- इसके पत्तों का पेस्ट बालों में लगाने से जुओं से छुटकारा मिलता है ।
- कढ़ी पत्ता पेंक्रियाज़ के बीटा सेल्स को एक्टिवेट कर मधुमेह को नियंत्रित करता है ।
- हरे पत्ते होने से आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम, विटामिन ए और बी, अमीनो एसिड, फोलिक एसिड आदि तो इसमें होता ही है ।
- इसमें एंटी आक्सीडेंट होते हैं । जो बुढापे को दूर रखते हैं । और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते ।
- जले और कटे स्थान पर इसके पत्ते पीस कर लगाने से लाभ होता है ।
- जहरीले कीड़े काटने पर इसके फलों के रस को नीबू के रस के साथ मिलाकर लगाने से लाभ होता है ।
- यह किडनी के लिए लाभकारी होता है ।
- यह आँखों की बीमारियों में लाभकारी होता है । इसमें मौजूद एंटी आक्सीडेंट केटरेक्ट को शुरू होने से रोकते हैं । यह नेत्र ज्योति को बढाता है ।
- यह कोलेस्ट्रोल कम करता है ।
- यह इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है ।
- वजन कम करने के लिए रोजाना कुछ मीठी नीम की पत्तियाँ चबायें ।
प्रतिदिन भोजन में कढ़ी पत्ते को दाल, सब्ज़ी में डालकर या चटनी बनाकर प्रयोग किया जा सकता है । जिस प्रकार दक्षिण भारत में किया जाता है ।
वैद्य बाबाजी ।
गुरुकृपा आयुर्वेद आश्रम । नजदीक काहलो डेयरी डीएवी स्कूल,
रूपनगर पंजाब - 0 94171 66756, 0 99153 35687
साभार - वैद्य धर्मपाल जी