ब्लॉगिंग ज्ञानतृषा का निदान ही नहीं । ज्ञान का निधान है । सूक्तिकार - ब्लाग महर्षि - श्री श्री 1008 श्री सुज्ञ जी महाराज ।
ब्लॉग अथवा चिठ्ठा एक जालस्थान है । जो आपको विचार और जानकारी साझा करने के लिये शीघ्रतापूर्वक सक्षम बनाता है । चिठ्ठों में दिनांक अनुक्रम से लेख प्रविष्टियां होती हैं । यह डायरी की तरह लिखा जाने वाला आपके विचारो का सार्वजनिक पत्र है । आपका सार्वजनिक किया हुआ व्यक्तिगत जालपृष्ठ है ।
ब्लॉग को मात्र निजी डायरी मानना नितांत गलत है । अब वह किसी भी दृष्टिकोण से निजी डायरी नहीं रही । भला कोई रात बेरात किसी अन्य के अध्ययन कक्ष में अपनी निजी डायरी छोड जाता है कि अगला पढकर अपने प्रतिभाव देगा ?
ब्लॉग अब केवल डायरी ही नहीं । पुस्तक से भी आगे बढकर है । यह लेखक पाठक के सीधे संवाद का प्रभावशाली माध्यम है । ब्लॉग आज अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है । यह न केवल विचार विमर्श के लिये प्रभावशाली है । बल्कि सामान्य से विचारों की सरल प्रस्तुति का इकलौता माध्यम है । ब्लॉग लेखन निजी विचारों पर भी चर्चा के क्षेत्र खोलता है । इतना ही नहीं विचारो को परिष्कृत परिमार्जित करने के अवसर उपलब्ध कराता है । यहां तक कि स्थापित विचारो को पूर्ण परिवर्तित कर देने का माद्दा भी रखता है । क्योंकि वैश्विक सूचनाएं सहज ही उपलब्ध होती है ।
लोगों को पहले किसी भी विषय पर तार्किक सारगर्भित दृष्टिकोण सहज उपलब्ध नहीं थे । अथाह श्रम और अध्य्यन के बाद भी वस्तुस्थिति संशय पूर्ण रहती है । समाचार पत्र । दूरदर्शन भी प्रति जिज्ञासा शान्त करने में असमर्थ हैं । अन्तर्जालीय ब्लॉग माध्यम ऐसी तमाम प्रति प्रति जिज्ञासाओं को शान्त करने में समर्थ है ।
निस्संदेह इसका विस्तार संतोषजनक नहीं है । अभी हमारे देश में अन्तरजाल की पहुँच और ब्लॉग अभिरूचि पर्याप्त नहीं है । आज दायरा छोटा है । यह निरंतर विकास के स्तर पर है । किन्तु हिंदी ब्लागर अपर्याप्त साधन व सूचनाओं के भी समाज और देशहित में जनचेतना जगाने में तत्पर हुआ है । हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप देने में हिन्दी ब्लागर्स की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता । हिन्दी ब्लॉगिंग के शानदार भविष्य की शुरुआत हो चुकी है । हिन्दी ब्लॉग लेखन में आज साहित्यिक सृजनात्मकता । नियोजित प्रस्तुतीकरण । गंभीर चिंतन । विवेचन । समसामयिक विषयों पर सूक्ष्मदृष्टि । सामाजिक कुरितियों पर प्रहार आदि सफल गतिविधियाँ दृष्टिगोचर हो रही हैं ।
ब्लॉग एक सार्वजनिक मंच का स्वरुप गृहण कर चुका है । इस मंच से जो भी विचार परोसे जाते हैं । पूरी दुनिया द्वारा आत्मसात होने की संभावनाएं है । ऐसे में ब्लागर की जिम्मेदारी बढ जाती है । वह सामाजिक सरोकार के परिपेक्ष में लिखे । तो सुधार की अनंत सम्भावनाएं हैं । हर ब्लॉगर अनुकूलता अनुसार अपना वैचारिक योगदान अवश्य दे । हिन्दी ब्लॉगिंग की विकासशील स्थिति में भी किये गये प्रयास । एक सुदृढ समर्थ वातावरण निर्मित करेंगे । इस माध्यम से एक विलक्षण वैचारिक विकास सम्भव है । जीवन मूल्यो को नये आयाम देना सम्भव है ।
साभार श्री हँसराज जी के सुज्ञ ब्लाग से । आपका बेहद धन्यवाद सुज्ञ जी ।
ब्लॉग अथवा चिठ्ठा एक जालस्थान है । जो आपको विचार और जानकारी साझा करने के लिये शीघ्रतापूर्वक सक्षम बनाता है । चिठ्ठों में दिनांक अनुक्रम से लेख प्रविष्टियां होती हैं । यह डायरी की तरह लिखा जाने वाला आपके विचारो का सार्वजनिक पत्र है । आपका सार्वजनिक किया हुआ व्यक्तिगत जालपृष्ठ है ।
ब्लॉग को मात्र निजी डायरी मानना नितांत गलत है । अब वह किसी भी दृष्टिकोण से निजी डायरी नहीं रही । भला कोई रात बेरात किसी अन्य के अध्ययन कक्ष में अपनी निजी डायरी छोड जाता है कि अगला पढकर अपने प्रतिभाव देगा ?
ब्लॉग अब केवल डायरी ही नहीं । पुस्तक से भी आगे बढकर है । यह लेखक पाठक के सीधे संवाद का प्रभावशाली माध्यम है । ब्लॉग आज अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है । यह न केवल विचार विमर्श के लिये प्रभावशाली है । बल्कि सामान्य से विचारों की सरल प्रस्तुति का इकलौता माध्यम है । ब्लॉग लेखन निजी विचारों पर भी चर्चा के क्षेत्र खोलता है । इतना ही नहीं विचारो को परिष्कृत परिमार्जित करने के अवसर उपलब्ध कराता है । यहां तक कि स्थापित विचारो को पूर्ण परिवर्तित कर देने का माद्दा भी रखता है । क्योंकि वैश्विक सूचनाएं सहज ही उपलब्ध होती है ।
लोगों को पहले किसी भी विषय पर तार्किक सारगर्भित दृष्टिकोण सहज उपलब्ध नहीं थे । अथाह श्रम और अध्य्यन के बाद भी वस्तुस्थिति संशय पूर्ण रहती है । समाचार पत्र । दूरदर्शन भी प्रति जिज्ञासा शान्त करने में असमर्थ हैं । अन्तर्जालीय ब्लॉग माध्यम ऐसी तमाम प्रति प्रति जिज्ञासाओं को शान्त करने में समर्थ है ।
निस्संदेह इसका विस्तार संतोषजनक नहीं है । अभी हमारे देश में अन्तरजाल की पहुँच और ब्लॉग अभिरूचि पर्याप्त नहीं है । आज दायरा छोटा है । यह निरंतर विकास के स्तर पर है । किन्तु हिंदी ब्लागर अपर्याप्त साधन व सूचनाओं के भी समाज और देशहित में जनचेतना जगाने में तत्पर हुआ है । हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप देने में हिन्दी ब्लागर्स की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता । हिन्दी ब्लॉगिंग के शानदार भविष्य की शुरुआत हो चुकी है । हिन्दी ब्लॉग लेखन में आज साहित्यिक सृजनात्मकता । नियोजित प्रस्तुतीकरण । गंभीर चिंतन । विवेचन । समसामयिक विषयों पर सूक्ष्मदृष्टि । सामाजिक कुरितियों पर प्रहार आदि सफल गतिविधियाँ दृष्टिगोचर हो रही हैं ।
ब्लॉग एक सार्वजनिक मंच का स्वरुप गृहण कर चुका है । इस मंच से जो भी विचार परोसे जाते हैं । पूरी दुनिया द्वारा आत्मसात होने की संभावनाएं है । ऐसे में ब्लागर की जिम्मेदारी बढ जाती है । वह सामाजिक सरोकार के परिपेक्ष में लिखे । तो सुधार की अनंत सम्भावनाएं हैं । हर ब्लॉगर अनुकूलता अनुसार अपना वैचारिक योगदान अवश्य दे । हिन्दी ब्लॉगिंग की विकासशील स्थिति में भी किये गये प्रयास । एक सुदृढ समर्थ वातावरण निर्मित करेंगे । इस माध्यम से एक विलक्षण वैचारिक विकास सम्भव है । जीवन मूल्यो को नये आयाम देना सम्भव है ।
साभार श्री हँसराज जी के सुज्ञ ब्लाग से । आपका बेहद धन्यवाद सुज्ञ जी ।