।..मेरे अक्षर नहीं प्रभू । ये सब "तेरे" हस्ताक्षर हैं । सब शब्दों में ,सभी धुनों में । परमेश्वर तेरे स्वर हैं । तेरा तुझको करूं समर्पित । कल का नहीं ठिकना है । मैं हूँ शून्य, शून्य से आया । शीघ्र शून्य में जाना है ।..
....आज सुबह मिले श्री व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला" जी । के इस ईमेल ने भावुक कर दिया । मेरा आप सभी से अनुरोध है । अधिकाधिक टिप्पणियाँ कर इन बुजुर्ग श्री का उत्साहवर्धन करें ।.प्रियवर राजीव जी । हार्दिक धन्यवाद । 82 वर्ष का हूँ । नाना रोगों से घिरा हूँ । प्रभु इच्छा से 2005 से अनेक बार जीवनदान मिला है । अमेरिका में लगभग पिछले 10 वर्षों से इलाज चल रहा है । 2008 के हार्ट अटेक के बाद की लम्बी मूर्छा ( कोमा ) में आदेश हुआ "उनका" क़ि" प्यारे अपने अनुभव लिख । ठीक हो गया तो लिखना शुरू किया ।..प्रियवर, मैं क्या लिखता ? हिन्दी दसवें दर्जे तक पढ़ी है । रोज़ी रोटी कमाने में 60 वर्ष की अवस्था तक जुटा रहा । चलिए छोड़ें यह इतिहास के पन्ने पलटना । वह जो लिखा रहे हैं । लिख रहा हूँ ।..मेरे अक्षर नहीं प्रभू । ये सब "तेरे" हस्ताक्षर हैं । सब शब्दों में ,सभी धुनों में । परमेश्वर तेरे स्वर हैं । तेरा तुझको करूं समर्पित । कल का नहीं ठिकना है । मैं हूँ शून्य, शून्य से आया । शीघ्र शून्य में जाना है ।..प्रियवर ! प्रभुकृपा आप पर सदा सर्वदा बनी रहे । ऐसे ही कमेन्ट भेजते रहिये ।अच्छा लगा । आनंदित रहें । शुभाकांक्षी । व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला" । BLOG.. महावीर बिनबउँ हनुमाना
....आज सुबह मिले श्री व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला" जी । के इस ईमेल ने भावुक कर दिया । मेरा आप सभी से अनुरोध है । अधिकाधिक टिप्पणियाँ कर इन बुजुर्ग श्री का उत्साहवर्धन करें ।.प्रियवर राजीव जी । हार्दिक धन्यवाद । 82 वर्ष का हूँ । नाना रोगों से घिरा हूँ । प्रभु इच्छा से 2005 से अनेक बार जीवनदान मिला है । अमेरिका में लगभग पिछले 10 वर्षों से इलाज चल रहा है । 2008 के हार्ट अटेक के बाद की लम्बी मूर्छा ( कोमा ) में आदेश हुआ "उनका" क़ि" प्यारे अपने अनुभव लिख । ठीक हो गया तो लिखना शुरू किया ।..प्रियवर, मैं क्या लिखता ? हिन्दी दसवें दर्जे तक पढ़ी है । रोज़ी रोटी कमाने में 60 वर्ष की अवस्था तक जुटा रहा । चलिए छोड़ें यह इतिहास के पन्ने पलटना । वह जो लिखा रहे हैं । लिख रहा हूँ ।..मेरे अक्षर नहीं प्रभू । ये सब "तेरे" हस्ताक्षर हैं । सब शब्दों में ,सभी धुनों में । परमेश्वर तेरे स्वर हैं । तेरा तुझको करूं समर्पित । कल का नहीं ठिकना है । मैं हूँ शून्य, शून्य से आया । शीघ्र शून्य में जाना है ।..प्रियवर ! प्रभुकृपा आप पर सदा सर्वदा बनी रहे । ऐसे ही कमेन्ट भेजते रहिये ।अच्छा लगा । आनंदित रहें । शुभाकांक्षी । व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला" । BLOG.. महावीर बिनबउँ हनुमाना
श्री व्ही. एन. श्रीवास्तव "भोला" जी । का प्रोफ़ायल परिचय ।
BHOLA SHRIVATAV । Industry । Non-Profit । Occupation । Retired civil servant । Location । Brookline । MA 02445 । United States ।
Popularly known as BHOLA my official name is Vishwambhur Nath Shrivastav. Now 81 I retired from Indian Govt. Service in 1989 and am now living in USA with my wife of the past 54 years Dr.Mrs Krishna (74) ,enjoying the loving hospitality of our two sons and their very caring families. My self & my wife have similar taste.She has researched on RAMAYAN for her Ph.D.We work jointly on our BLOGS which are the result of our joint efforts with a life long experience of true companionship backing us. Dont ask us what we were in the past. Look to what we are offering by HIS GRACE Hope U find these useful.
BHOLA SHRIVATAV । Industry । Non-Profit । Occupation । Retired civil servant । Location । Brookline । MA 02445 । United States ।
Popularly known as BHOLA my official name is Vishwambhur Nath Shrivastav. Now 81 I retired from Indian Govt. Service in 1989 and am now living in USA with my wife of the past 54 years Dr.Mrs Krishna (74) ,enjoying the loving hospitality of our two sons and their very caring families. My self & my wife have similar taste.She has researched on RAMAYAN for her Ph.D.We work jointly on our BLOGS which are the result of our joint efforts with a life long experience of true companionship backing us. Dont ask us what we were in the past. Look to what we are offering by HIS GRACE Hope U find these useful.