कब्ज - कब्ज से पीड़ित रोगी को पक्का खरबूजा खाना चाहिए । इससे कब्ज नष्ट होती है ।
गुर्दे का रोग - खरबूजे के बीजों को छीलकर पीस लें । और पानी में मिलाकर हल्का सा गर्म करके पीएं । इसका प्रयोग कुछ दिनों तक करने से गुर्दों का रोग ठीक हो जाता है ।
जिगर का रोग - खरबूजा सेवन करने से जिगर की सूजन दूर होती है ।
सिर का दर्द - खरबूजे के बीजों को गाय के घी व मिश्री में मिला लें । और इसे बर्फी की तरह जमाकर सुबह शाम लगभग 50-50 ग्राम की मात्रा में सेवन करें । इसके बाद गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर पीएं । इससे सिर दर्द ठीक होता है ।
पथरी - 1 चम्मच खरबूजे का छीला हुआ बीज, 15 दाने बड़ी इलायची तथा 2 चम्मच मिश्री के साथ पीस लें । और इसे 1 कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह शाम पीएं । इससे गुर्दे की पथरी गल जाती है ।
मूत्रकृच्छ्र ( पेशाब करने में परेशानी ) - खरबूजा के बीजों को खाने से मूत्रकृच्छ रोग ठीक होता है ।
नाक बंद होना - जिनकी नाक अधिक गर्मियों में सूख जाती है । वो रोजाना 1 खरबूजा 3 माह तक खाएं । यह परीक्षित अनुभव है ।
गुर्दे का रोग - खरबूजे के बीजों को छीलकर पीस लें । और पानी में मिलाकर हल्का सा गर्म करके पीएं । इसका प्रयोग कुछ दिनों तक करने से गुर्दों का रोग ठीक हो जाता है ।
जिगर का रोग - खरबूजा सेवन करने से जिगर की सूजन दूर होती है ।
सिर का दर्द - खरबूजे के बीजों को गाय के घी व मिश्री में मिला लें । और इसे बर्फी की तरह जमाकर सुबह शाम लगभग 50-50 ग्राम की मात्रा में सेवन करें । इसके बाद गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर पीएं । इससे सिर दर्द ठीक होता है ।
पथरी - 1 चम्मच खरबूजे का छीला हुआ बीज, 15 दाने बड़ी इलायची तथा 2 चम्मच मिश्री के साथ पीस लें । और इसे 1 कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह शाम पीएं । इससे गुर्दे की पथरी गल जाती है ।
मूत्रकृच्छ्र ( पेशाब करने में परेशानी ) - खरबूजा के बीजों को खाने से मूत्रकृच्छ रोग ठीक होता है ।
नाक बंद होना - जिनकी नाक अधिक गर्मियों में सूख जाती है । वो रोजाना 1 खरबूजा 3 माह तक खाएं । यह परीक्षित अनुभव है ।