Friday, 30 September 2011

पतिदेव ने लिखने को बहुत प्रोत्साहित किया - स्वाति

आईये स्वाति जी के बारे में कुछ जानते हैं -
नागपुर । महाराष्ट्र । भारत की रहने वाली स्वाति जी सरकारी स्तर पर hindi translator कार्य कर रही हैं । स्वाति जी अपने बारे में कहती हैं - मेरा नाम श्रीमती स्वाति ऋषि चड्ढा ( विवाह से पहले स्वाति कपूर ) है ।  मध्यप्रदेश के सिवनी शहर में पली बढ़ी और नागपुर में स्थापित एक भावुक इंसान हूँ । बचपन से ही लिखने और पढ़ने का बहुत शौक रहा । मम्मी की प्रेरणा से मैंने 8 वी कक्षा में पहली कविता लिखी । और प्रकाशन के लिए समाचार पत्र में भेज दी । जो शीघ्र ही प्रकाशित हुई । इस तरह लेखन का सफर धीरे धीरे शुरू हुआ । लेकिन फ़िर भी थोडी हिचक थी । विवाह के पश्चात पतिदेव ने लिखने को बहुत प्रोत्साहित किया ( वे स्वयं तकनीकी क्षेत्र से सम्बंधित हैं । और हिन्दी साहित्य लेखन से एकदम अनजान ) उन्हीं की प्रेरणा से लिखती रही । और फ़िर नवभारत की पत्रिकाओं में सह संपादक का कार्य करने का मौका मिला । इसके साथ साथ अनुवाद । प्रूफ़ रीडिंग । शिक्षण कार्य भी करती रही । वर्तमान में केंद्र सरकार के प्रोद्योगिकी संसथान में राजभाषा हिन्दी से सम्बंधित पद पर हूँ । इनका ब्लाग - मेरे अहसास भाव
और ये पढिये । स्वाति जी की कविता -
कलियों की कोमल पंखुरियों में । रंगों की फुलवारी सजाए । प्यारी भीनी खुशबू से जो । मन को आनंदित 


कर जाए । शीतल मंद समीरों संग । झूम झूमकर राग सुनाये । एक फूल के खिलने में भी । नियति के अनेक राज है । कोमलता विनमृता प्यार खूबसूरती । ये सब उसके साज हैं । कितने प्यारे  कितने अनोखे । प्रकृति के निराले अंदाज है ।
सभी विवरण स्वाति जी के ब्लाग से साभार । ब्लाग पर जाने हेतु क्लिक कीजिये ।

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