Friday 7 September 2012

इंसान नहीं वो हैवान है ।


उठ जाग मुसाफिर भोर भई  । अब रैन कहाँ जो सोवत है । 
जो जागत है सो पावत  है । जो सोवत है सो खोवत है ।
टुक नींद से अँखियाँ खोल जरा । और अपने प्रभु से ध्यान लगा ।
यह प्रीत करन की रीत नहीं । प्रभु जागत हैं तू सोवत है ।
जो कल करना सो आज कर ले । जो आज करना सो अब कर ले ।
जब चिड़ियों ने चुग खेत लिया । फिर पछताये क्या होवत है ।
नादान भुगत करनी अपनी । ऐ पापी पाप में चैन कहाँ ।
जब पाप की गठरी शीश धरी । फिर शीश पकड़ क्यों रोवत है ।
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तेरे प्रेम का मैं पुजारी हूँ भगवन । तेरे प्रेम का मैं पुजारी हूँ भगवन ।
तेरे प्रेम का मैं पुजारी हूँ भगवन । तेरी ही दया का  भिखारी हूँ भगवन ।
बहुत घुल चूका हूँ मैं विषयों में फंस कर । बहुत गल चूका पाप कीचड़ में धंस कर ।

इसी से बड़ा मैं दुखारी हूँ भगवन । तेरे प्रेम का मैं पुजारी हूँ भगवन ।
तुम्हीं ने दिया है ये अनमोल जीवन । सकल प्राणियों में दिया श्रेष्ठ तन मन ।
बड़ा आपका मैं आभारी हूँ भगवन । तेरे प्रेम का मैं पुजारी हूँ भगवन ।
तुम्हें याद करता हूँ दुःख के छनों में । मगर भूल जाता हूँ सुख साधनों में ।
करूँ क्या मैं ऐसा अनाड़ी हूँ भगवन । तेरे प्रेम का मैं पुजारी हूँ भगवन ।
ह्रदय में कुटिल भावना भर चुकी है । हटाये ना हटती वो घर कर चुकी है ।
कृपा का तेरी इंतजारी हूँ भगवन । तेरे प्रेम का मैं पुजारी हूँ भगवन ।
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खुश किस्मत वही इंसान है । जिसका हरि चरणों में ध्यान है ।
जिसे भुला हुआ है परमात्मा । इंसान नहीं वो हैवान है ।
नर तन पा हरि सिमरन कर ले । यही तो पर उपकार करे ।
अपना बेडा पार लगा कर । औरों का भी पार करे ।

वही दुनियाँ में पुरुष महान है । भगवान उसी पे महरबान है ।
जिसे भुला हुआ है परमात्मा । इंसान नहीं वो हैवान है ।
छल कपट और झूठ से जिसने । जीवन अपना बरबाद किया ।
उस नर से तो पशु ही अच्छा । मर करके जो मोल बिका ।
भले बुरे की ना जिसे पहचान है । वो मुर्ख बड़ा नादान है ।
जिसे भुला हुआ है परमात्मा । इंसान नहीं वो हैवान है ।
कोई तो कोठी बंगलों का मालिक । सैर करे वो कारों में ।
कोई बेचारा पैसा पैसा । मांगता फिरे बाजारों में ।
कोई निर्धन तो कोई धनवान है । जाना एक दिन सभी ने शमशान है ।
जिसे भुला हुआ है परमात्मा । इंसान नहीं वो हैवान है ।
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कभी राम बन के कभी श्याम बन के । चले आना प्रभु जी चले आना ।
कभी राम रूप में आना । सीता साथ ले के धनुष हाथ ले के ।

चले आना प्रभु जी चले आना । कभी राम बन के कभी श्याम बन के ।
कभी कृष्ण रूप में आना । राधा साथ ले के बंसी हाथ ले के ।
चले आना प्रभु जी चले आना । कभी राम बन के कभी श्याम बन के ।
कभी शिव जी रूप में आना । गौरा साथ ले के डमरू हाथ ले के ।
चले आना प्रभु जी चले आना । कभी राम बन के कभी श्याम बन के ।
कभी विष्णु रूप में आना । लक्ष्मी साथ ले के चक्र हाथ ले के ।
चले आना प्रभु जी चले आना । कभी राम बन के कभी श्याम बन के ।
कभी गणपति रूप में आना । रिधी साथ ले के सिधी साथ ले के ।
चले आना प्रभु जी चले आना । कभी राम बन के कभी श्याम बन के ।
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हरि बोल मेरी रसना । हरि बोल मेरी रसना । घड़ी घड़ी । हरि बोल मेरी रसना ।
व्यर्थ  बिताती है क्यों जीवन । मुख मंदिर में पड़ी पड़ी । हरि बोल मेरी रसना ।
नित्य निकाल गोविन्द नाम की । स्वांस स्वांस में लड़ी लड़ी । हरि बोल मेरी रसना ।

जाग उठे तेरी ध्वनी को सुन कर । इस काया की कड़ी कड़ी । हरि बोल मेरी रसना ।
बरसा दे प्रभु नाम सुधा । रस बिंदु की जड़ी जड़ी । हरि बोल मेरी रसना ।
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जोत से जोत जगाते चलो । जोत से जोत जगाते चलो । प्रेम की गंगा बहाते चलो ।
राह में आये जो दिन दुखी । सबको गले से लगाते चलो ।
जिसका ना कोई संगी साथी । ईश्वर है रखवारा । जो निर्धन है जो निर्बल है । वो है प्रभु का प्यारा ।
प्यार के मोती लुटाते चलो । प्रेम की गंगा बहाते चलो । 
आशा टूटी ममता रूठी । छूट गया है किनारा । बंद करो मत द्वार दया का । दे दो कुछ तो सहारा ।
दीप दया का जलाते चलो । प्रेम की गंगा बहाते चलो । 

छाया है चहूँ ओर अँधेरा । भटक गई हैं दिशायें । मानव बन बैठा है दानव । किसको व्यथा सुनायें ।
धरती को स्वर्ग बनाते चलो । प्रेम की गंगा बहाते चलो ।
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इतनी माँ दुर्गे शक्ति तू देना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
सुख दुःख मोह और माया है बंधन । मन झूटे बंधन में ये पड़े ना ।
इतनी माँ दुर्गे शक्ति तू देना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
तू है दयालू सबकी खिवैया । तेरे सहारे है जीवन की नैया ।
चाहे डुबा दे चाहे उबारे । हम तो हैं माँ अब तेरे सहारे ।
भटके जो चित्त ऐसी हस्ती ना देना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
इतनी माँ दुर्गे शक्ति तू देना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
दिल है तेरा माँ ममता का सागर । भर दे तू भक्तों की खाली गागर ।
सूनी हैं अँखियाँ अब तो दरस की । माँ से मिलन को कब से तरसती ।

पलकों से आंसूं रोके रुके ना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
इतनी माँ दुर्गे शक्ति तू देना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
सारे जहाँ की तू ही है दाता । दुर्बल भी तुम से शक्ति है पाता ।
दर पे है तेरे भेद ना कोई । जागे सभी की किस्मत जो सोयी ।
तुम सा दयालु दूजा दिखे ना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
इतनी माँ दुर्गे शक्ति तू देना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
कितनों के तुमने काज संवारे । बिगड़े मुकद्दर कितने सुधारे ।
सुन लो ना माँ अब विनती हमारी । मासूम की कब आयेगी बारी ।
दुःख मेरा तुम बिन कौन हरे माँ । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
इतनी माँ दुर्गे शक्ति तू देना । मन ये तेरी भक्ति से हटे ना ।
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हे राम । हे राम । जग में साचों तेरो नाम ।
तू ही माता तू ही पिता है । तू ही तो है राधा का श्याम । हे राम । हे राम ।

तू अंतरयामी सबका स्वामी । तेरे चरणों में चारों धाम । हे राम । हे राम ।
तू ही बिगाड़े तू ही संवारे । इस जग के सारे काम । हे राम । हे राम ।
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हो माखन चोर । नन्द किशोर । मनमोहन घन श्याम रे । कितने तेरे रूप रे । कितने तेरे नाम रे ।
देवकी माँ ने जन्म दिया । और मैया यशोदा ने पाला । तू गोकुल का ग्वाला । वृन्दावन का बंसरी वाला ।
हो आज तेरी बंसी फिर बाज़ी मेरे मन के धाम रे । कितने तेरे रूप रे । कितने तेरे नाम रे ।
काली नाग के साथ लड़ा तू । जालिम कंस को मारा । बचपन में ही मोहन तूने । खेला खेल ये सारा ।
हो गोवर्धन गिरधारी । तूने सबके संवारे काम रे । कितने तेरे रूप रे । कितने तेरे नाम रे ।
तूने सबका चैन चुराया । ओ चित चोर कन्हैया । ना समझे नटखट समझा के । हारी यशोदा मैया ।
हो व्याकुल राधा ढूंढे । श्याम ना आया हो गई शाम रे । कितने तेरे रूप रे । कितने तेरे नाम रे ।
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छोटी छोटी गैया । छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटो सो मेरो मदन गोपाल । हरी । छोटो सो मेरो मदन गोपाल ।

घास खावें गैया । दूध  पीवें ग्वाल । माखन खावे मेरो मदन गोपाल ।
हरि । माखन खावे मेरो मदन गोपाल । छोटी छोटी गैया । छोटे छोटे ग्वाल ।
आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वाल । बीच में मेरो मदन गोपाल । 
हरि । बीच में मेरो मदन गोपाल । छोटी छोटी गैया । छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटी छोटी लकुटी छोटे छोटे हाथ । बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल । 
हरि । बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल । छोटी छोटी गैया । छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटी छोटी सखियाँ मधुवन बाल । रास रचावे मेरो मदन गोपाल ।
हरि । रास रचावे मेरो मदन गोपाल । छोटी छोटी गैया । छोटे छोटे ग्वाल ।
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मात तुही गुरु तात तुही । मित भ्रात धन धान्य हमारो ।
ईश तुही जगदीश तुही । मम शीश तुही प्रभु राखन हारो ।
राव तुही उमराव तुही । मम भाव तुही अरु नैन को तारो ।
सार तुही करतार तुही । घर वार तुही परिवार हमारो । 
तुम्ही जगदीश दया निधियो । करूणा करि चित दया भरियो ।
बहु भोग लई करनी अपनी । अब दीन विचारी क्षमा करियो ।
तुम्हरे बिसरे सगरी बिगरी । अब नाथ कुबुद्धि सभी हरियो ।
सुन दीनानाथ निवेदन को । सत्य ज्ञान सभी हम में भरियो ।

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आँखें बंद करूँ या खोलूँ । मुझको दर्शन दे देना । दर्शन दे देना हरि । मुझे दर्शन दे देना ।
मैं नाचीज़ बन्दा तेरा । तू सबका दाता है । तेरे हाथ में सारी दुनिया । मेरे हाथ में क्या है ।
तुझको देखूँ जिसमें । ऐसा दरपन दे देना । आँखें बंद करूँ या खोलूँ । मुझको दर्शन दे देना ।
मेरे अंदर तेरी लहरें । रिश्ता है सदियों का । जैसे इक नाता होता है । सागर से नदियों का ।
करूँ साधना तेरी । केवल साधन दे देना । आँखें बंद करूँ या खोलूँ । मुझको दर्शन दे देना ।
मेरी माँग बड़ी साधारण । मन में आते रहियो । हर इक साँस के पीछे अपनी । झलक दिखाते रहियो ।

नाम तेरा ले आखिर तक । वह धड़कन दे देना । आँखें बंद करूँ या खोलूँ । मुझको दर्शन दे देना ।
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आओ गुरूदेव । आओ गुरूदेव दर्शन दीजो ।
तुम हो जगत के दाता । स्वामी तुम हो जगत के दाता ।
तुम्ही हो बृह्मा । तुम्ही हो विष्णु । तुम हो शंकर रूपा । 
सृष्टि स्थिति लय स्वरूप तुम हो । तुम हो अनादी रूपा ।
आओ गुरूदेव…..। अनाथ नाथा दीन बन्धु । तुम हो आनंद रूपा ।
अज्ञान नाशक धर्म संरक्षक । आत्म ज्ञान प्रदाता । आओ गुरूदेव …

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रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम । रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम । रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम
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सीता राम सीता राम । भज प्यारे तू सीता राम । सीता राम सीता राम । भज प्यारे तू सीता राम ।
सीता राम सीता राम । भज प्यारे तू सीता राम । सीता राम सीता राम । भज प्यारे तू सीता राम ।
रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम । रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम 
रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम ।
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम । सबको सन्मति दे भगवान । ईश्वर अल्लाह तेरे नाम । सबको सन्मति दे भगवान

ईश्वर अल्लाह तेरे नाम । सबको सन्मति दे भगवान ।
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम । सबको सन्मति दे भगवान । ईश्वर अल्लाह तेरे नाम । सबको सन्मति दे भगवान
रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम । रघुपति राघव राजा राम । पतित पावन सीता राम
जय रघुनन्दन जय सिया राम । जानकी वल्लभ सीता राम ।
जय रघुनन्दन जय सिया राम । जानकी वल्लभ सीता राम ।
जय रघुनन्दन जय सिया राम । जानकी वल्लभ सीता राम ।
जय रघुनन्दन जय सिया राम । जानकी वल्लभ सीता राम ।
जय रघुनन्दन जय सिया राम । जानकी वल्लभ सीता राम ।
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ईश्वर अल्लाह तेरे नाम । सबको सन्मति दे भगवान । ईश्वर अल्लाह तेरे नाम । सबको सन्मति दे भगवान ।

ईश्वर अल्लाह तेरे नाम । सबको सन्मति दे भगवान ।
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ऐ मेरे वतन के लोगों । तुम खूब लगा लो नारा ।
ये शुभ दिन है हम सबका । लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर । वीरों ने हैं प्राण गवांये ।
कुछ याद उन्हें भी कर लो । कुछ याद उन्हें भी कर लो ।
जो लौट के घर ना आये । जो लौट के घर ना आये ।
ऐ मेरे वतन के लोगों । ज़रा आँख में भर लो पानी ।
जो शहीद हुये हैं उनकी । ज़रा याद करो कुर्बानी ।
ऐ मेरे वतन के लोगों । ज़रा आँख में भर लो पानी ।
जो शहीद हुये हैं उनकी । ज़रा याद करो कुर्बानी ।

जब घायल हुआ हिमालय । खतरे में पड़ी आज़ादी ।
ज़ब तक थी साँस लड़े वो । ज़ब तक थी साँस लड़े वो ।
फ़िर अपनी लाश बिछा दी । संगीन पे धर कर माथा । 
सो गये अमर बलिदानी । 
जो शहीद हुये हैं उनकी । ज़रा याद करो कुर्बानी
जब देश में थी दीवाली । वो खेल रहे थे होली ।
जब हम बैठे थे घरों में । जब हम बैठे थे घरों में ।
वो झेल रहे थे गोली ।
थे धन्य ज़वान वो अपने । थी धन्य वो उनकी जवानी ।
जो शहीद हुये हैं उनकी । ज़रा याद करो कुर्बानी
कोई सिख कोई जाट मराठा । कोई सिख कोई जाट मराठा ।
कोई गुरखा कोई मद्रासी । कोई गुरखा कोई मद्रासी ।
सरहद पर मरने वाला । सरहद पर मरने वाला ।

हर वीर था भारतवासी ।
जो खून गिरा पर्वत पर । वो खून था हिन्दुस्तानी ।
जो शहीद हुये हैं उनकी । ज़रा याद करो कुर्बानी ।
थी खून से लथ पथ काया । फ़िर भी बन्दूक उठा के ।
दस दस को एक ने मारा । फ़िर गिर गये होश गँवा के ।
जब अंत समय आया तो । जब अंत समय आया तो ।
कह गये कि अब मरते हैं ।
जब अंत समय आया तो । कह गये कि अब मरते हैं ।
खुश रहना देश के प्यारों । खुश रहना देश के प्यारों ।
अब हम तो सफर करते हैं । अब हम तो सफर करते हैं ।

क्या लोग थे वो दीवाने । क्या लोग थे वो अभिमानी ।
जो शहीद हुये हैं उनकी । ज़रा याद करो कुर्बानी ।
तुम भूल ना जाना उनको । इसलिए कही ये कहानी ।
जो शहीद हुये हैं उनकी । ज़रा याद करो कुर्बानी ।
जय हिंद जय हिंद की सेना । जय हिंद जय हिंद की सेना ।
जय हिंद । जय हिंद । जय हिंद ।
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भागवत भगवान की है आरती । पापियों को पाप से है तारती ।
भागवत भगवान की है आरती । पापियों को पाप से है तारती ।
ये अमर ग्रन्थ ये मुख्य पन्थ । ये पंचम वेद निराला । नव ज्योति जगाने वाला ।
ये अमर ग्रन्थ ये मुख्य पन्थ । ये पंचम वेद निराला । नव ज्योति जगाने वाला ।
हरि गान यही वरदान यही । जग की मंगल की आरती । पापियों को पाप से है तारती ।
भागवत भगवान की है आरती । पापियों को पाप से है तारती ।
ये शान्ति गीत पावन पुनीत । शोकों को मिटाने वाला । हरि दर्श दिखाने वाला ।
ये शान्ति गीत पावन पुनीत । शोकों को मिटाने वाला । हरि दर्श दिखाने वाला ।

आवश्यक सूचना

इस ब्लाग में जनहितार्थ बहुत सामग्री अन्य बेवपेज से भी प्रकाशित की गयी है, जो अक्सर फ़ेसबुक जैसी सोशल साइट पर साझा हुयी हो । अतः अक्सर मूल लेखक का नाम या लिंक कभी पता नहीं होता । ऐसे में किसी को कोई आपत्ति हो तो कृपया सूचित करें । उचित कार्यवाही कर दी जायेगी ।