Monday 3 September 2012

दुनियाँ तुझे ढूँढते ढूँढते हो जायेगी पागल


तेरे नाम को होठों पे सजाया है मैंने । तेरी रूह को अपने दिल में बसाया है मैंने ।
दुनियाँ तुम्हें ढूँढते ढूँढते हो जायेगी पागल । दिल के ऐसे कोने में छुपाया है मैंने । By Piyuesh
♥♥♥
Some are born to yes And some to no . Still, each has one spot .Without trace or print . From which the rest . blossoms like a storm . And if you feel almost in love,
If you wait for some kiss . to put the future in your eyes,
If you relive your cuts . Like an iron to a crease, Tell me, please - How come the cost of love . Lingers, a smoke that films the mind ? I fear, if not used up, our hearts . Will dry in our bodies, like oceanless fish Breaded in the sand  – Mark Nepo
♥♥♥
Without You my mind stops thinking . Without you my lips stop speaking . Without you my night are

sleepless . Without you my eyes stop dreaming . Without you my ears stop hearing . Without you my heart Stop Beatin . But wid Yuh Ma Gal, I Feel Lyk 'I em The King Of The World  ♥ By Piyuesh
♥♥♥
कल दिल्ली मयूर विहार फेस 3 में अमन चैन और भाई चारे का सन्देश फैलाया गया । बस 1 अफवाह से मयूर विहार फेज 3 पूरी तरह जल उठा । हजारों की तादाद में अलग अलग टोलियों में आए उपद्रवियों ने पथराव करते हुए कुछ ही घंटों में दर्जनों गाड़ियों को आग लगाकर राख में तब्दील कर दिया । पुलिस बूथ । पेट्रोल पंप और सी एन जी CNG स्टेशन को आग के हवाले कर दिया । इस दौरान गुस्साई भीड़ ने जमकर लूटपाट की । भड़की हिंसा में 50 से अधिक पुलिस कर्मी जख्मी हुए हैं । जिसमें 30-40 पुलिस कर्मी लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती करने पड़े ।
गौरतलब है कि मयूर विहार फेज 3 में पुलिस चेकिंग के दौरान खोड़ा निवासी स्कूटर सवार कमरुद्दीन को रोकने पर जब वह नहीं रुका । तो आरोप है कि पुलिस कर्मी ने उसको डंडा मार दिया । जिसके बाद युवक की पुलिस

पिटाई से मौत की अफवाह आग की तरह फैल गई । खोड़ा कालोनी गाजीपुर और आसपास इलाके से हजारों की तादाद में उपद्रवियों ने मयूर विहार फेज 3 इलाके में घंटों बवाल काटा । मौके पर कई पुलिस अफसर हालात पर काबू पाने पहुंचे । मगर सभी भीड़ के आगे बेबस नजर आए । 
यदि यही घटना हिन्दुओं के साथ हुई होती । तो ..अब ये अमन चैन और भाई चारे का अगला पडाव शायद आपका शहर । आपका मोहल्ला । आपकी गली । या फिर आपका घर भी हो सकता है । तैयार रहें ।

मुंबई में हुई हिंसा के दौरान पाकिस्तान का झंडा लहराया गया । असम हिंसा के विरोध में हुए " शान्ति मार्च " में भी बवाल ? किसी और को अब भी शक है कि - दंगो का सच क्या है ? सेकुलर कांग्रेस । मुलायम । ममता । नीतीश । सेकुलर मीडिया । सर्व धर्म संभावी का राग अलापने वाले । मानवता वादी समाज के सुपुत्रों को आरक्षण चाहिए । सरकारी भीख भी चाहिए । ये सरकार कितना भी कर ले इनके लिए । लेकिन ये बेशर्म अमर जवान ज्योति का भी सम्मान नहीं कर सकते । शर्म करो । -  विपिन वार्ष्णेय राजाजी
♥♥♥
सोमनाथ मंदिर का इतिहास - मंदिर का बार बार खंडन और जीर्णोद्धार होता रहा । पर शिवलिंग यथावत रहा । लेकिन सन 1026 में महमूद गजनवी ने जो शिवलिंग खंडित किया । वह वही आदि शिवलिंग था । इसके बाद प्रतिष्ठित किए गए शिवलिंग को 1300 में अलाउद्दीन की सेना ने खंडित किया । इसके बाद कई बार मंदिर और शिवलिंग खंडित किया गया । बताया जाता है । आगरा के किले में रखे देवद्वार सोमनाथ मंदिर के हैं । महमूद गजनवी सन 1026 में लूटपाट के दौरान इन द्वारों को अपने साथ ले गया था । सोमनाथ मंदिर के मूल मंदिर स्थल पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा निर्मित नवीन मंदिर स्थापित है । राजा कुमार पाल द्वारा इसी स्थान पर अंतिम मंदिर बनवाया गया था ।
सौराष्ट्र के मुख्यमंत्री उच्छंगराय नवल शंकर ने 19 अप्रैल 1940 को यहाँ उत्खनन कराया था । इसके बाद भारत

सरकार के पुरातत्व विभाग ने उत्खनन द्वारा प्राप्त बृह्मा शिला पर शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित किया है । सौराष्ट्र के पूर्व राजा दिग्विजय सिंह ने 8 मई 1950 को मंदिर की आधार शिला रखी । तथा 11 मई 1951 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने मंदिर में ज्योतिर्लिग स्थापित किया । नवीन सोमनाथ मंदिर 1962 में पूर्ण निर्मित हो गया । 1970 में जामनगर की राजमाता ने अपने स्वर्गीय पति की स्मृति में उनके नाम से दिग्विजय द्वार बनवाया । इस द्वार के पास राजमार्ग है । और पूर्व गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा है । सोमनाथ मंदिर निर्माण में पटेल का बड़ा योगदान रहा ।
मंदिर के दक्षिण में समुद्र के किनारे एक स्तंभ है । उसके ऊपर 1 तीर रखकर संकेत किया गया है कि - सोमनाथ मंदिर और दक्षिण ध्रुव के बीच में पृथ्वी का कोई भू भाग नहीं है । मंदिर के पृष्ठ भाग में स्थित प्राचीन मंदिर के विषय में मान्यता है कि - यह पार्वती जी

का मंदिर है । सोमनाथ जी के मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है । सरकार ने ट्रस्ट को जमीन । बाग । बगीचे देकर आय का प्रबंध किया है । यह तीर्थ पितृ गणों के श्राद्ध । नारायण बलि आदि कर्मों के लिए भी प्रसिद्ध है । चैत्र । भाद्र । कार्तिक माह में यहाँ श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है । इन 3 महीनों में यहाँ श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ लगती है । इसके अलावा यहां 3 नदियों - हिरण । कपिला और सरस्वती का महा संगम होता है । इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है ।
♥♥♥
now its an another example of fake religion -
कौन है धर्म निरपेक्ष ? इस देश में 4000 सिखों की हत्या कर दी जाती है । पर सजा 1 को भी नहीं ? इस देश में कश्मीर विस्थापित 50 000 हिन्दू अपने ही वतन में शरणार्थी है ।
इस देश के मुल्ला मौलवियों और मदरसों के लिए सरकारी खजाने से पैसा दिया जाता है । और हिंदुओं के

मंदिरों का धन सरकार के अधीन होता है । इस देश की जामा मस्जिद के शाही इमाम को देश की 250 अदालतें 1 सम्मन तक तामील नहीं करा पाती । जबकि कांची कामकोठी पीठ के शंकराचार्ये श्री जयेन्द्र
सरस्वती को आधी रात में उनके 5000 शिष्यों के बीच से गिरफ्तार कर कातिलों डकैतों की कोठरी में डाल दिया जाता है । इस देश में हज यात्रा की सब्सिडी के लिए सारी राजनैतिक पार्टियां राजी हो जाती हैं । जबकि अमरनाथ यात्रा का समय कम कर दिया जाता है । और कोई चर्चा तक नहीं । गुजरात के दंगों पर हरदम राजनीति । पर गोधरा में मार दिए गये राम भक्तों पर कोई बात नहीं । हैदराबाद में हिन्दू मंदिरों में घंटे बजाने पर रोक लगाना धर्म निरपेक्षता है ?
रमजान के महीने में इफ्तार पार्टियों में सभी भारतीय राजनैतिक दलों के नेता अपने सिर पर मुल्ला टोपी रख शामिल होकर अपने आपको धर्म निरपेक्ष साबित करते हैं । पर क्या “ नवरात्र ” में कोई मुसलमान
नेता हिंदुओं को फलाहार पार्टी में बुलाता है ? 
आज भारत के नेता जैसे नरेन्द्र मोदी को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं । क्या किसी मुस्लिम संगठन ने
या नेता ने अफजल गुरु और कसाब को जल्द फाँसी देने की माँग की ? सवाल बहुत हैं दोस्तो । जिसका कोई जबाब नहीं है । इन छदम धर्म निरपेक्षता वादियों के पास । निर्णय आपको करना है ?
- सभी जानकारी के स्रोत साभार फ़ेसबुक के विभिन्न पेज ।

आवश्यक सूचना

इस ब्लाग में जनहितार्थ बहुत सामग्री अन्य बेवपेज से भी प्रकाशित की गयी है, जो अक्सर फ़ेसबुक जैसी सोशल साइट पर साझा हुयी हो । अतः अक्सर मूल लेखक का नाम या लिंक कभी पता नहीं होता । ऐसे में किसी को कोई आपत्ति हो तो कृपया सूचित करें । उचित कार्यवाही कर दी जायेगी ।